
- Registered Office:
- Hindustanvision. N.I.T Faridabad
- T : 0129-4176000
- [email protected]
धौलीगंगा ने NTPC का प्रोजेक्ट बर्बाद कर दिया
ऋषिगंगा के बाद ग्लेशियर टूटने का असर तपोवन इलाके में स्थित धौलीगंगा नदी में भी देखने को मिला। धौलीगंगा और ऋषिगंगा दोनों नदियां पांच किलोमीटर के दायरे में ही हैं। धौलीगंगा के किनारे NTPC का हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट चल रहा है। धौलीगंगा का तेज बहाव आया तो यहां का प्रोजेक्ट भी बर्बाद हो गया। यहां काम कर रहे सौ से डेढ़ सौ लोग बह गए। पानी का तेज बहाव जोशीमठ मलारिया हाईवे तक पहुंच गया था। यहां बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) का पुल टूट गया। यहां पर भी कुछ लोगों की मौत की खबर है, लेकिन कितने ये पता नहीं।
निचले इलाकों में कोई खतरा नहीं
ऋषिगंगा और धौलीगंगा का जलस्तर बढ़ा तो आस-पास की नदियां भी उफान पर आ गईं। इनका जलस्तर भी दोगुना बढ़ गया। हालांकि, पानी के बहाव की रफ्तार सुबह के मुकाबले शाम होते-होते काफी कम हो गई। इसलिए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अब कोई खतरा नहीं है। इन दोनों नदियों से सटे पीपल कोटी, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाण, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में पानी का स्तर पहले के मुकाबले बढ़ा हुआ है, लेकिन इसका आम लोगों को नुकसान नहीं होगा।
जनहित याचिका की थी दायर
रैणी गांव के कुंदन सिंह व अन्य ने 2019 में जनहित याचिका दायर की थी। इनका कहना था कि गांव इसके आसपास ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के बहाने अवैध खनन हो रहा है। मलबे का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। जिससे हो रहे पर्यावरणीय नुकसान से बड़ा खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने फोटोग्राफ व वीडियो भी याचिका के साथ संलग्न किये थे। रैणी के ग्रामीण शुरुआत से ही पॉवर प्रोजेक्ट कंपनी की मनमानी से त्रस्त थे। ग्रामीणों का कहना था कि कंपनी ने रोजगार देने के बहाने ग्रामीणों की जमीन का उपयोग पहले बिना मुआवजा दिए किया था और उसके नियमों को ताक पर रखकर खतरनाक गतिविधियों को अंजाम दिए। कंपनी पर्यावरण मानकों को ताक पर रखकर नदी तट पर विस्फोटक से पत्थर तोड़ा, साथ ही आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी व साथियों के जंगल में प्रवेश करने के लिए बनाए गए ऐतिहासिक मार्ग को भी बंद कर दिया था। 15 जुलाई 2019 को हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने पावर प्रोजेक्ट में विस्फोटक के प्रयोग पर रोक लगाने व इस संबंध में चमोली के जिलाधिकारी व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब मांगा था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी के अनुसार यह याचिका फिलहाल विचाराधीन हैं। अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें।
" />
UTTARAKHAND NEWS , 7 FEB 2021 : देवभूमि उत्तराखंड में करीब साढ़े सात साल बाद फिर से कुदरती कहर दिखा। हम आपको हादसे वाली जगह यानी चमोली जिले के रैणी गांव से ग्राउंड रिपोर्ट दे रहे हैं। यही वो जगह है, जहां ग्लेशियर टूटने से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। चमोली जिले में एवलांच के बाद ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है, जबकि धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया, जिससे गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। चमोली जिले के रैनी में ग्लेशियर फटने से आई बाढ़ को देखते हुए उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा नदी के किनारे पड़ने वाले सभी जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों को पूरी तरह से मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं। ग्लेशियर फटने के बाद सीएम योगी ने राज्य के सभी संबंधित विभागों और अफसरों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति पर पूरी तरह नजर रखें और मुस्तैद रहें। हालात के मद्देनजर एसडीआरएफ को भी अलर्ट किया गया है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री योगी ने उत्तराखंड को हर प्रकार से सहयोग करने का भी निर्देश दिया है। इसे देखते हुए राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार तक रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। जब यह हादसा हुआ, तब दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। इस हादसे में करीब 150 लोगों के मरने की आशंका है, जबकि 10 के शव बरामद किए गए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं। सीएम ने चमोली जिले में पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन और रैणी का निरीक्षण किया और सभी को दिशा-निर्देश दिए, जिसके बाद वे दून के लिए रवाना हो गए हैं।
देखते ही देखते पानी-पानी हो गया पूरा इलाका
तपोवन के रैणी गांव के पास सुबह करीब साढ़े दस बजे ग्लेशियर टूटकर ऋषिगंगा नदी में गिरा। नदी के ठीक किनारे ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। वहीं दूसरे छोर पर रैणी गांव है। इस गांव के आस-पास रैणी चाक, लता, सुभाई, जुगाजुक्लाता गांव भी हैं।
इन गांवों में करीब दो हजार की आबादी रहती है। ग्लेशियर फटने से सबसे पहले ऋषिगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया। देखते ही देखते पूरा इलाका पानी-पानी हो गया। रैणी गांव में भी पानी आया, लेकिन उसका स्तर बहुत ज्यादा नहीं हुआ। इसके चलते यहां ज्यादा नुकसान भी नहीं हुआ। लेकिन ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में काम कर रहे करीब दो सौ लोग वहीं फंस गए। इनमें मजदूर से लेकर प्रोजेक्ट के ऑफिसर भी शामिल हैं।
धौलीगंगा ने NTPC का प्रोजेक्ट बर्बाद कर दिया
ऋषिगंगा के बाद ग्लेशियर टूटने का असर तपोवन इलाके में स्थित धौलीगंगा नदी में भी देखने को मिला। धौलीगंगा और ऋषिगंगा दोनों नदियां पांच किलोमीटर के दायरे में ही हैं। धौलीगंगा के किनारे NTPC का हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट चल रहा है। धौलीगंगा का तेज बहाव आया तो यहां का प्रोजेक्ट भी बर्बाद हो गया। यहां काम कर रहे सौ से डेढ़ सौ लोग बह गए। पानी का तेज बहाव जोशीमठ मलारिया हाईवे तक पहुंच गया था। यहां बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) का पुल टूट गया। यहां पर भी कुछ लोगों की मौत की खबर है, लेकिन कितने ये पता नहीं।
निचले इलाकों में कोई खतरा नहीं
ऋषिगंगा और धौलीगंगा का जलस्तर बढ़ा तो आस-पास की नदियां भी उफान पर आ गईं। इनका जलस्तर भी दोगुना बढ़ गया। हालांकि, पानी के बहाव की रफ्तार सुबह के मुकाबले शाम होते-होते काफी कम हो गई। इसलिए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अब कोई खतरा नहीं है। इन दोनों नदियों से सटे पीपल कोटी, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाण, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में पानी का स्तर पहले के मुकाबले बढ़ा हुआ है, लेकिन इसका आम लोगों को नुकसान नहीं होगा।
जनहित याचिका की थी दायर
रैणी गांव के कुंदन सिंह व अन्य ने 2019 में जनहित याचिका दायर की थी। इनका कहना था कि गांव इसके आसपास ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के बहाने अवैध खनन हो रहा है। मलबे का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। जिससे हो रहे पर्यावरणीय नुकसान से बड़ा खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने फोटोग्राफ व वीडियो भी याचिका के साथ संलग्न किये थे। रैणी के ग्रामीण शुरुआत से ही पॉवर प्रोजेक्ट कंपनी की मनमानी से त्रस्त थे। ग्रामीणों का कहना था कि कंपनी ने रोजगार देने के बहाने ग्रामीणों की जमीन का उपयोग पहले बिना मुआवजा दिए किया था और उसके नियमों को ताक पर रखकर खतरनाक गतिविधियों को अंजाम दिए। कंपनी पर्यावरण मानकों को ताक पर रखकर नदी तट पर विस्फोटक से पत्थर तोड़ा, साथ ही आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी व साथियों के जंगल में प्रवेश करने के लिए बनाए गए ऐतिहासिक मार्ग को भी बंद कर दिया था। 15 जुलाई 2019 को हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने पावर प्रोजेक्ट में विस्फोटक के प्रयोग पर रोक लगाने व इस संबंध में चमोली के जिलाधिकारी व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब मांगा था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी के अनुसार यह याचिका फिलहाल विचाराधीन हैं। अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें।
FARIDABAD NEWS 30 JUNE 2025 : GAUTAM ; फरीदाबाद रेफर मुक्त संघर्ष समिति के संयोजक सतीश चोपड़ा द्वारा 211 दिनों से दिए जा रहे धरने व 11 दिनों से चल रही भूख हड़ताल से &n Read More...
JIND NEWS 30 JUNE 2025 : GAUTAM ; जीवन कौशलों पर शिक्षकों को मिला व्यावहारिक प्रशिक्षण सुप्रीम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जींद में सफलतापूर्वक आयोजित हुआ सीबीएसई का कैपेसिट Read More...
FARIDABAD NEWS 30 JUNE 2025 : GAUTAM ; एंटी करप्शन ब्यूरो के एडीजीपी आलोक मित्तल ने कहा है कि रक्तदान लोगों की जान बचाने का काम करता है। इसलिए हर व्यक्ति को रक्तदान जरूर से Read More...
FARIDABAD NEWS 30 JUNE 2025 : GAUTAM : फरीदाबाद के सेक्टर 37 स्थित किंग् सेन फाइट क्लब में कराटे ब्लैक बेल्ट एग्जामिनेशन का आयोजन हुआ जिसमें शहर के सात खिलाड़ियों ने कराते म Read More...
FARIDABAD NEWS 29 JUNE 2025 : GAUTAM : अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक 28 और 29 जून 2025 को महेश्वरी भवन, सेक्टर 7 फरीदाबाद में सम्पन्न हुई।यह बैठक ह Read More...
FARIDABAD NEWS 29 JUNE 2025 : GAUTAM : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात के 123वें एपिसोड को आज हरियाणा के मंत्री राजेश नागर ने अपने निवास पर स्वजनों के साथ बैठकर Read More...
JIND NEWS 29 JUNE 2025 : GAUTAM : सुप्रीम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जींद में शिक्षकों के लिए एक दिवसीय “लाइफ स्किल्स ट्रेनिंग वर्कशॉप” का सफल Read More...
FARIDABAD NEWS 29 JUNE 2025 : GAUTAM : इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ़ इंडिया की फरीदाबाद शाखा ने ICAI Bhawan, Sector-20A, में 77th Anniversary of ICAI Read More...